Monday, December 25, 2023

True Facts Of Life----


"২৫ লক্ষ টাকা ব্যয় করে আমজাদ নতুন গাড়ি কিনেছে ❤️❤️একদম ঝকঝকে সিলভার কালারের গাড়ি 💙💙গাড়ি দেখে স্ত্রী, দুই সন্তান আর বাবা-মা তো ভীষণ খুশি😘😘 ঠিক দুই মাস আগে নতুন এপার্টমেন্টে উঠেছে। পরিশ্রমের সঙ্গে সঙ্গে আমজাদের ভাগ্যটাও বেশ ভাল ফেভার করেছে। বছর বছর চাকুরীতে পদন্নোতি পাচ্ছে। বেতনও বেড়ে চলছে হু হু করে। তাই দ্রুত ব্যাংক লোন নিয়ে সেই টাকায় বাড়ি-গাড়ি সব কিনে ফেলল। সংসারে যেন আনন্দের বন্যা বইছে।
সেই সুবাদে আমজাদ বাসায় একটা পার্টি দিল। অফিস কলিগরা দুপুর থেকে বিকেল আর আত্নীয়-স্বজনেরা সন্ধ্যা থেকে রাত পর্যন্ত আমন্ত্রিত ছিল। বেশ হৈ-হুল্লোর আর খাওয়া দাওয়ায় আমজাদ পার্টি শেষ করলো। সবাই বেশ খুশি আর আমজাদের প্রশংশায় পঞ্চমুখ।

সকাল হলেই আমজাদ গাড়ি করে অফিস করবে,ছেলেমেয়েরা গাড়ি করে স্কুলে যাবে, স্ত্রী গাড়ি করে শপিং এ যাবে, গ্রামে বেড়াতে গেলেও গাড়ি করে যাবে ভাবতেই গর্বে আমজাদের বুক ফুলে উঠতে লাগল। আমজাদ ড্রাইভিংটাও শিখে নিয়েছে।

আমজাদ পরিবারের ভবিষ্যতের জন্য খুব চিন্তা করত। অর্থ সম্পদ জমানো যেন তার নেশা। স্ত্রীর নামে ২৫ লক্ষ টাকার সঞ্চয়পত্র কিনে দিয়েছে। ছেলেমেয়ের নামে মোটা অংকের ডি.পি.এস আর এফ.ডি.আর করে রেখেছে। পরিবার যেন থাকে দুধে-ভাতে💙❤️

চার মাস পরের কথা। গাড়ি এক্সিডেন্ট করে আমজাদ মারা গেল। সে এক বিভীষিকাময় মৃত্যু। কাভার্ড ভ্যানের সাথে মুখোমুখি সংঘর্ষ, স্পট ডেড। ড্রাইভারটা প্রথম থেকেই রাফ চালাত। আমজাদ যতদিন চালিয়েছে ধীরে সুস্হ্যেই চালিয়েছে। কোন সমস্যা হয় নাই। ড্রাইভারেরর বেসামাল গতি এদূর্ঘটনার বড় একটা কারন। কয়েকবার সতর্ক করার পরও পরিবর্তন হয়নি আর এখন তো সবই শেষ হয়ে গেল।

সারা বাড়িজুড়ে শোকের মাতম। স্ত্রী, সন্তান, মা-বাবা, আত্নীয়স্বজন সবাই কান্নায় ভেঙ্গে পড়েছে। আমজাদের মা এই বয়সে এমন শোক কিছুতেই মেনে নিতে পারছে না, বারবার মূর্ছা যাচ্ছেন। স্ত্রী যেন শোকে পাথর হয়ে গেছে। সন্তান দুটো হাউ মাউ করে কাঁদছে। এত সুখের সংসারটা ভেঙ্গে খান খান হয়ে গেল😭😭

আমজাদের লাশ গ্যারেজে শুইয়ে রাখা হয়েছে 😥😥 সারা শরীর থেকে রক্ত ধুয়ে লাশের খাটে সাদা কাপড় দিয়ে ঢেকে রাখা হয়েছে। একটু পর পর সবাই এসে মুখটা শেষবারের মত দেখে আবার ঢেকে দিয়ে যাচ্ছে। একটু পর জানাযা পড়ানো হবে। মৃত আমজাদ সবার আহাজারী,আফসোস দেখছে। ওর কেন যেন বিরক্ত লাগছে কিন্তু কিছুই বলতে পারছে না। হুজুর আসল, জানাযা পড়ানো হলো। কবর দেয়া হলো। কবর হতে হতে রাত প্রায় ১২ টা বেজে গেলো। সবাই ফিরে গেছে, এখন কবরস্হানে আর কেউ নেই 😥😥।

দুইজন ফেরেশতা এসে মুখ গোমড়া করে আমজাদকে কিছু প্রশ্ন করতে লাগল। তারপর আমজাদকে নিয়ে আসমানের দিকে রওয়ানা হলো। অর্ধ-আসমানে পৌঁছানোর পর আওয়াজ আসল, থামো,এর আত্না আর এগোতে পারবে না। এর অনেক ঋণ আছে। ওর ঋণ এখনও শোধ হয় নাই। ঋণ শোধ না হওয়া পর্যন্ত ও গ্রহনযোগ্যতা পাবে না। ওকে যেখান থেকে নিয়ে এসেছো সেখানে নিয়ে যাও।
আমজাদকে আবার কবরে নিয়ে আসা হলো। কবরে তার খুব কষ্ট হচ্ছিল।সে চিৎকার করে স্ত্রীকে বলছে আমার ঋণগুলো তাড়াতাড়ি পরিশোধ করে দাও। তোমার নামে করা সঞ্চয়পত্রগুলো ভেঙ্গে ফেল,ছেলেমেয়েদের সমস্ত ডি.পি.এস আর এফ.ডি.আর ভেঙ্গে ফেল আমি আর এ যন্ত্রনা সহ্য করতে পারছি না। কিন্তু না,তার চিৎকার কারও কাছে পৌঁছাল না।

এভাবে ৬ মাস চলে গেল।তার ঋণগুলো কেউ শোধ করল না। নিদারুন কষ্টে আমজাদ আফসোস করতে লাগল। বেঁচে থাকতে পরিবারের জন্য কত কষ্ট করে সম্পদ গড়েছি আর আজ আমার কোন মুল্য নাই। ৬ মাস হয়ে গেল এখনও আমার আত্না গ্রহনযোগ্যতা পেল না, আর কোনদিন পাবে কিনা তাও জানি না। আমজাদ কাঁদতে লাগল 😭😭😭

আসরের আযানের শব্দে আমজাদের ঘুম ভাঙ্গল। এতক্ষন সে স্বপ্ন দেখছিল। ঘেমে একাকার হয়ে গেছে। শোয়া থেকে উঠে বসল,ঘুম থেকে উঠে আজ গাড়ি কিনতে যাওয়ার কথা। আমজাদ ওয়াশরুমে গেল এবং ওয়াশরুম থেকে বের হয়ে গাড়ি কিনতে নয় মসজিদে চলে গেল। যাওয়ার পথে কেবল এটুকুই মনে হলো এ দুনিয়াতে কেউ কারো নয়।
আমজাদ প্রতিজ্ঞা করল, আর কোন ঋণ নয়।

Sunday, December 24, 2023

समस्या का समाधान


     एक बूढा व्यक्ति था। उसकी दो बेटियां थीं। उनमें से एक का विवाह एक कुम्हार से हुआ और दूसरी का एक किसान के साथ।

     एक बार पिता अपनी दोनों पुत्रियों से मिलने गया। पहली बेटी से हालचाल पूछा तो उसने कहा कि इस बार हमने बहुत परिश्रम किया है और बहुत सामान बनाया है। बस यदि वर्षा न आए तो हमारा कारोबार खूब चलेगा।

बेटी ने पिता से आग्रह किया कि वो भी प्रार्थना करे कि बारिश न हो।

     फिर पिता दूसरी बेटी से मिला जिसका पति किसान था। उससे हालचाल पूछा तो उसने कहा कि इस बार बहुत परिश्रम किया है और बहुत फसल उगाई है परन्तु वर्षा नहीं हुई है। यदि अच्छी बरसात हो जाए तो खूब फसल होगी। उसने पिता से आग्रह किया कि वो प्रार्थना करे कि खूब बारिश हो।

     एक बेटी का आग्रह था कि पिता वर्षा न होने की प्रार्थना करे और दूसरी का इसके विपरीत कि बरसात न हो। पिता बडी उलझन में पड गया। एक के लिए प्रार्थना करे तो दूसरी का नुकसान। समाधान क्या हो ?

     पिता ने बहुत सोचा और पुनः अपनी पुत्रियों से मिला। उसने बडी बेटी को समझाया कि यदि इस बार वर्षा नहीं हुई तो तुम अपने लाभ का आधा हिस्सा अपनी छोटी बहन को देना। और छोटी बेटी को मिलकर समझाया कि यदि इस बार खूब वर्षा हुई तो तुम अपने लाभ का आधा हिस्सा अपनी बडी बहन को देना यह बोलकर मन भी हल्का हो चुका था l

अच्छाई की तलाश करें


किसी गाँव में एक किसान को बहुत दूर से पीने के लिए पानी भरकर लाना पड़ता था. उसके पास दो बाल्टियाँ थीं जिन्हें वह एक डंडे के दोनों सिरों पर बांधकर उनमें तालाब से पानी भरकर लाता था. उन दोनों बाल्टियों में से एक के तले में एक छोटा सा छेद था जबकि दूसरी बाल्टी बहुत अच्छी हालत में थी. तालाब से घर तक के रास्ते में छेद वाली बाल्टी से पानी रिसता रहता था और घर पहुँचते-पहुँचते उसमें आधा पानी ही बचता था. बहुत लम्बे अरसे तक ऐसा रोज़ होता रहा और किसान सिर्फ डेढ़ बाल्टी पानी लेकर ही घर आता रहा.

अच्छी बाल्टी को रोज़-रोज़ यह देखकर अपने पर घमंड हो गया. वह छेदवाली बाल्टी से कहती थी की वह आदर्श बाल्टी है और उसमें से ज़रा सा भी पानी नहीं रिसता. छेदवाली बाल्टी को यह सुनकर बहुत दुःख होता था और उसे अपनी कमी पर लज्जा आती थी. छेदवाली बाल्टी अपने जीवन से पूरी तरह निराश हो चुकी थी. एक दिन रास्ते में उसने किसान से कहा – "मैं अच्छी बाल्टी नहीं हूँ. मेरे तले में छोटे से छेद के कारण पानी रिसता रहता है और तुम्हारे घर तक पहुँचते-पहुँचते मैं आधी खाली हो जाती हूँ."

किसान ने छेदवाली बाल्टी से कहा – "क्या तुम देखती हो कि पगडण्डी के जिस और तुम चलती हो उस और हरियाली है और फूल खिलते हैं लेकिन दूसरी ओर नहीं. ऐसा इसलिए है कि मुझे हमेशा से ही इसका पता था और मैं तुम्हारे तरफ की पगडण्डी में फूलों और पौधों के बीज छिड़कता रहता था जिन्हें तुमसे रिसने वाले पानी से सिंचाई लायक नमी मिल जाती थी. दो सालों से मैं इसी वजह से अपने देवता को फूल चढ़ा पा रहा हूँ. यदि तुममें वह बात नहीं होती जिसे तुम अपना दोष समझती हो तो हमारे आसपास इतनी सुन्दरता नहीं होती."

*शिक्षा:-*
मुझमें और आपमें भी कई दोष हो सकते हैं. दोषों से कौन अछूता रह पाया है. कभी-कभी ऐसे दोषों और कमियों से भी हमारे जीवन को सुन्दरता और पारितोषक देनेवाले अवसर मिलते हैं. इसीलिए दूसरों में दोष ढूँढने के बजाय उनमें अच्छाई की तलाश करें.

Sunday, August 6, 2023

जीवन का एक #सरल सा पाठ


एक महिला मांस वितरण कारखाने में काम करती थी। एक दिन, जब वह अपना काम ख़त्म कर चुकी थी शेड्यूल के अनुसार, वह मीट के कोल्ड रूम (फ़्रीज़र) में गई जहां उसे किसी चीज़ का निरीक्षण करना था,
लेकिन इस दुर्भाग्य के क्षण में, दरवाज़ा बंद हो गया और वह बिना किसी मदद के अंदर बंद हो गई।

हालाँकि वह चिल्लाई और जोर से दरवाजे को खटखटाई लेकिन उसकी सारी ताकत, उसकी चीखें अनसुनी हो गईं। यहां से कोई भी उसे सुन नही सकता था. अधिकांश कर्मचारी पहले ही जा चुके थे, और जो बाकी के इस ठंडे कमरे (कोल्ड रूम ) के बाहर थे उनके लिए यह सुनना असंभव था कि क्या हो रहा था अंदर।

पाँच घंटे बाद, जब वह मौत की कगार पर थी तो फैक्ट्री के सुरक्षा गार्ड ने आख़िरकार दरवाज़ा खोला. उस दिन वह चमत्कारिक ढंग से मरने से बच गयी।

बाद में जब उसने सिक्योरिटी गार्ड से पूछा वह कैसे दरवाजा खोलने आया था, जबकि यह उसका सामान्य रूटीन नहीं था।

गार्ड ने बताया: "मैं इस कारखाने में 35 वर्षों से काम कर रहा हूं, सैकड़ों कर्मचारी हर दिन अंदर और बाहर आते हैं, लेकिन आप उनमें से इकलौती एक हैं जो सुबह मुझे "नमस्कार" करती हैं और हर रात काम के बाद जाते समय मुझे "अलविदा, कल मिलते हैं" कहती हैं।

कई लोग मेरे साथ ऐसा व्यवहार करते हैं मानो कि मैं अदृश्य हूँ। आज, जैसा कि आपने काम के लिए रिपोर्ट किया, आपने मुझे अपने सरल तरीके से अभिवादन किया 'हैलो'.

लेकिन आज शाम के बाद, मैंने देखा कि आपका "अलविदा, कल मिलते हैं" नहीं सुना था। इसलिए, मैंने चारों ओर कारखाने की जाँच करने का निर्णय लिया ।

मैं प्रतिदिन आपके 'हाय' और 'बाय' का इंतजार कर रहा होता हूं। क्योंकि वे मुझे याद दिलाते हैं कि मैं जिंदा हूं। आज तुम्हारी "अलविदा , कल मिलते हैं" न सुनकर मैं जान गया था कुछ हुआ था. इसीलिए मैं हर जगह तुम्हें ढूंढ रहा था।"

विनम्र रहें, अपने आस-पास के लोगों से प्यार करें और उनका सम्मान करें । उन लोगों से अच्छे से पेश आएं जिनसे आप रोज मिलते/गुजरते हैं, तुम्हें कभी पता नहीं चलेगा की कल क्या हो जाए.
 #कालचक्र

Sunday, July 23, 2023

सही राह

"सही राह.......☝
"सुधा...... क्या हाल बना रखा है तुमने अपना... 
अब तो तुम्हारे बदन से भी मसाले की खुशबू आती है....

मोहन ने बाथरुम से निकलते ही सुधा को देखा और गुस्से से बड़बड़ाने लगा ....सुधा ने मोहन की ओर देखा और आँखे झुका ली....

"नाश्ता तैयार है....मोहन चिल्लाते हुए बोला...
गुस्सा अपनी चर्म सीमा पर था
"जी ....संक्षिप्त सा जवाब सुनाई दिया...

"आज फिर ब्रेड आमलेट.... तुम्हारे पास मेरे लिये समय ही नही रहा ... 
झटके से प्लेट पीछे सरकाते हुए मोहन तैश मे बोला... फिर वही खामोशी....मोहन गुस्से से भन्ना गया 
"टिफीन भी रहने दो ऑफिस में ही खा लूँगा...."
 कहते हुए मोहन ने गाड़ी की चाबी उठाई और तेजी से निकल गया

रास्ते भर मूड ऑफ रहा...आँफिस मे पहुंच कर बिजी हो गया तो सब भूल गया लेकिन शाम होते होते फिर वही कोफ्त.... 
घर तो जाना ही पड़ेगा....

जैसे ही गाड़ी में बैठा कि मां का फोन आ गया ...
अनमने  मन से फोन उठाया,,,, न उठाता तो मां चिंतित होकर बार बार फोन करती ही रहती

"हेलो....हां मोहन...कैसा है बेटा ...
" मां ने फोन उठाते ही हमेशा की तरह पहला प्रश्न पूछा...

"ठीक हूँ मां....मोहन ने खुद को संयत करते हुए जवाब दिया ...
 पर मां तो मां ही होती हैं ना...एक पल में मां ने भांप लिया कि मोहन के मन में कोई तो उथल पुथल मची हुई है 

"और सुना बहू बच्चे ठीक है....
 कितने दिन हो गये तुझे देखे....
जब से तेरी नौकरी दूसरे शहर मे लगी है तरस गई हूँ तुझे देखने को....
टाईम निकल कर आजा जल्दी....

"जी मां....
जल्दी ही आऊंगा...
 " छोटा सा प्रत्युतर!

" आज उदास क्यूँ है रे....मां से पूछे बिना रहा ना गया  
मां के प्रेम का जरा सा सहारा पाते ही आक्रोश का ज्वालामुखी सा फूट पड़ा,,,,,

"मां ....वक्त के साथ सुधा में बहुत बदलाव आ गये है.... अब कुछ भी पहले जैसा नही रहा....
 ना तो अब वो मेरा ठीक से ध्यान रखती है ना मेरी पसंद नापसंद का ध्यान रखती है और तो और मेरी पसंद का खाना तक बनाने का समय नही रहा अब उसके पास .... मां आए एम फेड अप नाओ....
मोहन के मन में चल रही सारी उमड़ घुमड़ एक ही झटके में उबल पड़ी....
मां ने ध्यानपूर्वक मोहन की सब बातें सुनी और फिर पूछा 

"और तू,,,, तू नही बदला क्या ....
सच बताना क्या तू सुधा को पहले की तरह समय देता है....

"पर मां....मोहन  को एक पल को कोई जवाब ना सूझा । मां ने गहरी आवाज में अगला प्रश्न दागा-
"क्या तू उसे घुमाने, सिनेमा दिखाने या पहले की तरह शापिंग कराने लेकर जाता है....

"मां उसके पास तो टाईम ही नही है....  
यही तो सबसे बड़ी प्राब्लम है....

"बेटा.... मैं भी इसी दौर से गुजर चुकी हूँ ....
मेरे और तेरे पापा के बीच भी ये खाई पनपी थी... दूरिया इतनी बढ़ गई कि,,,,पर समय रहते तेरी दादी ने सब संभाल लिया....

"क्याssssss मोहन जैसे पलक झपकना ही भूल गया

"बेटा बच्चे होने के बाद पत्नी एक मां भी होती है,,,, 
घर और बच्चों की दोहरी जिंदगी जीते जीते एक पत्नी खो सी जाती है,,,, 
पति शायद इस बात को उतनी गहराई से नही समझ पाते,,,,, 
उन्हें तो बस अपने हिस्से का समय चाहिए होता है,,,,,

"मां,,,,,," 
"याद है जब हम सब साथ रहते थे तो मैं किसी ना किसी बहाने से तुम दोनों को बाहर भेज देती थी और बच्चों को खुद संभाल लेती थी,,,,, 
पर दूसरे शहर में जाकर बहू को किसका सहारा है और फिर,,,,, तू भी उसका साथ नही देगा तो कौन देगा मोहन बेटा...

मां की बातें पल्ले पड़ने लगी,,,, उदासी के घने बादल छटकने लगे,,,,"मैनें कभी इस पॉइंट ऑफ व्यू से तो सोचा ही नही....मोहन को ग्लानि सी अनुभव हुई 

"मां मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी कि अनजाने में क्या क्या सोच गया सुधा के बारे मे,,,,,  मां आज आपने मुझे सही राह ना दिखाई होती तो मेरा तो घर ही,,,,,,

"शुभ शुभ बोल मोहन ....
 प्रेम तो एक गहरा सागर है,,,, इस सागर मे जितना डूबोगे उतना सुख पाओगे....

"मां,,,,थेंक्यू,,,,,
 शर्मिन्दगी सी महसूस हुई मोहन को....
पर मां ने अपना रोल बखूबी निभा दिया था और उथल पुथल का कीड़ा मोहन के मन से निकाल फेंका था....
"सदा सुखी रहो मेरे लाल ....
अब फोन रख और खुश मन और सकारत्मक विचारों के साथ घर जा....सुधा इंतजार करती होगी....

"जी मां.... मोहन की आवाज में लरजती खुशी की लहर महसूस कर चुकी थी मां....

घर पहुँचते ही मोहन ने ऐलान कर दिया- 
"जल्दी से तैयार हो जाओ .... 
आज डिनर बाहर ही करेंगें और आराध्या आज तुम्हारी पसंद की आइसक्रीम भी खायेंगे....

"पर मैनें तो खाना बना लिया... 
आप सुबह भी बिना कुछ खाए चले गये... 
सौरी मोहनजी.....सुधा की रूआंसी आवाज़ और लाल आंखें बता रही थी की वह बहुत रोयी होगी आज...

"सौरी तुम्हे नही मुझे कहना है तुमसे....
 तुम्हे बहुत इग्नोर किया इतने दिन,,,  अब और नही...

मोहन सुधा की आंखों मे झिलमिलाते आँसुओ को जैसे पी जाना चाहता था...

"जाओ जल्दी से मेरी पसंद की नीली शिफोन की साड़ी पहन कर तैयार हो जाओ...
 और हां रेड लिपस्टिक ही लगाना....
अब दोनों के साथ साथ बेटी आराध्या की मुस्कुराहट देखने लायक थी......🙏🙏 
...#Bkarya #Respect #woman

Saturday, July 22, 2023

Husband - wife


A woman went shopping...

At the cash counter, she opened her purse to pay...

The cashier noticed a TV remote in her purse...

He could not control his curiosity and asked, "Do you always carry your TV remote with you?😕"

She replied, "No, not always, but my husband refused to accompany me for shopping today because, of football match, so I took the remote..."

*Moral: Accompany and support your wife in her hobbies...*
🙍🙍🙍🙍🙍🙍🙍

The story continues...😏

The cashier laughed and then returned all the items that lady had purchased...

Shocked at this act, she asked the cashier what he was doing...

He said, "your husband has blocked your credit card..."
😲😲😲😲😲😲

*MORAL: Always respect the hobbies of your husband...*
😒😒😒😒😒😒😒😒

Story continues...

Wife took out her husband's credit card from purse and swiped it...

Unfortunately he didn't block his own card...

*Moral: Don't underestimate the power and wisdom of your WIFE...*

Story continues...

After swiping, the machine indicated, 'ENTER THE PIN SENT TO YOUR MOBILE PHONE'...

*Moral: When a man tends to lose, the machine is smart enough to save him!!!*

Story continues...

She smiled to herself and reached out for the mobile which, rang in her purse...

It was her husband's phone showing the forwarded SMS...

She had taken it with the remote control so that he doesn't call her during her shopping... 

She bought her items and returned home happily... 

*Moral: Don't underestimate a desperate woman!!!*
😷😷😷😷😷

Story continues....

On getting home, his car was gone...
😈😈😈😈😈

A note was pasted on the door... 

"Couldn't find the remote. Gone out with the boys to watch the premiership match... Will be home late... Call me on my phone if, you need something"...
😇😇😇😇

Damn!!!... He left with the house key too!!!

😂😂😂😂

*Moral: Don't try to control your husband... You will always lose...*😯😯😯😯😯😯😯😯

The farmer and the stroke

A Stork of a very simple and trusting nature had been asked by a gay party of Cranes to visit a field that had been newly planted. But the party ended dismally with all the birds entangled in the meshes of the Farmer's net.
The Stork begged the Farmer to spare him.
"Please let me go," he pleaded. "I belong to the Stork family who you know are honest and birds of good character. Besides, I did not know the Cranes were going to steal."
"You may be a very good bird," answered the Farmer, "but I caught you with the thieving Cranes and you will have to share the same punishment with them."

You are judged by the company you keep.

Thanks for reading this story.💞